दुर्लभ प्रजाति का उल्लू मिला खरीदने वाले भी पहुंच गए


भोपाल. क्या किसी उल्लू की कीमत पचास हजार हो सकती है? सुनकर आश्चर्य तो होगा लेकिन यह सच है। कुछ लोग अयोध्या बायपास से पकड़े गए उल्लू के लिए पचास हजार रुपए तक चुकाने तैयार थे, लेकिन पक्षी प्रेमी को यह मंजूर नहीं था। यही वजह थी उसने शनिवार को उल्लू को वन विहार प्रबंधन को सौंप दिया।

इधर पक्षी विशेषज्ञों का कहना है कि इस उल्लू के दुर्लभ प्रजाति का होने के कारण इसकी मांग अधिक होती है। अयोध्या बायपास स्थित भवानी धाम फेस टू के निवासी विशाल टांके ने बताया कि शुक्रवार को एक उल्लू कम ऊंचाई वाले पेड़ पर बैठा था। कुछ कुत्ते उसकी ओर भोंक रहे थे। तभी एक व्यक्ति ने उल्लू को पकड़ लिया और उसे ले जाने लगा। विशाल ने पास जाकर उससे पूछताछ की। उसके बाद उनके चारों ओर भीड़ एकत्रित हो गई। श्री टांके ने बताया कि मैंने और कुछ दोस्तों ने उस व्यक्ति से उल्लू ले लिया। उन्होंने बताया कि वे पक्षियों से बहुत प्यार करते हैं, इसलिए उसे वन विहार प्रबंधन को सौंप दिया। विशाल ने बताया कि दो दिनों में उसने कच्चा अंडा और जिंदा मछली खाई थी।

पक्षी विशेषज्ञ मोहम्मद खालिद ने बताया कि यह दुर्लभ प्रजाति का बार्न उल्लू है, जो ऑस्ट्रेलियन मास्केड उल्लू से काफी मिलता-जुलता है। ऑस्ट्रेलियन मास्केड उल्लू का चेहरा पान के आकार का होता है और उसके पंखों पर सफेद रंग के धब्बे होते हैं। बार्न उल्लू का चेहरा तो पान के आकार का होता है, लेकिन उसके पंख भूरे रंग के होते हैं। श्री खालिद का कहना है कि घने जंगलों में रहने वाला यह उल्लू तांत्रिकों में खासा लोकप्रिय है।

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